फतेहपुर
*धरती की कोख खाली करने में जुटे हरियाली के दुश्मन*

*खाकी और वन विभाग की मौन सहमति से हरे पेड़ों पर चल रहा इलेक्ट्रॉनिक आरा*
*थरियांव पुलिस की संरक्षण में होता है हर पेड़ों का खेल-सूत्र*
???? *थाना पुलिस व वन विभाग की चुप्पी बने हरे पेड़ों विनाश का काल आखिर किसके अधिकार किसके सहारे है लकड़ी माफिया का बोल बाला*
*????????फतेहपुर जहां यूपी की सरकार पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ का नारा लगा रही है वही फतेहपुर जनपद में इन दोनों हर दिन उजाड़े जाते हैं हजारों पेड़ बगैर परमिशन के लकड़ी माफिया पर क्यों नहीं लगती रोक*
*फतेहपुर।* जनपद में इन दिनों हरे पेड़ों की कटान सातवें आसमान पर है, जनपद के ही सदर तहसील क्षेत्र में वन क्षेत्राधिकार के बिना अनुमति से नीम, आम, महुआ, गूलर, की कटान जोरो में है।
*दिनदहाड़े हरे नीम के पेड़ों की कटान का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।*
ज़ब मामले की पड़ताल की गई तो पेड़ों की कटान करने वाले ने बताया की हमने थरियांव थाना क्षेत्र ,असोथर थाना क्षेत्र पेड़ों को काटने का ठेका ले लिया है, तो ऐसे में आखिर सवाल यह खड़ा हो रहा है की इन दिनों क्षेत्र में लकड़ी कटान जोरो में है और इस दौरान नीम,आम, महुआ के पेड़ों की कटान भी जोरो में चल रही है इसे क्या कहा या क्या समझा जाये…..!
*बताते चलें कि थाना थरियांव क्षेत्र में औराई गांव क्षेत्र में गैस गोदाम के पीछे तीन नीम के पेड़ खड़े हुए हैं, एक नीम पेड़ पर फिर पेड़ों की कटान शुरू कर दी गई है। इसके बाद किसी ने कॉल करके 112 नंबर पर सूचना दे दिया मौके में पहुंची 112 पुलिस नीम को आधा पेड़ कटा हुआ रुकवा दिया। इसके बाद पुलिस वापस होने के बावजूद ठेकेदार द्वारा नीम के पेड़ को फिर से धराशाही करने का प्रयास किया गया सूत्रों द्वारा पत्रकारों को सूचना मिलते ही पत्रकार मौके में पहुंचकर देखा कि दो पेड़ नीम के सही सलामत खड़े थे तीसरा पेड़ नीचे से धारा सही करने में थोड़ा से जड़ पर लगा हुआ और पत्रकारों को देखते ही ठेकेदार वहां से रफू चक्कर हो गया। पत्रकार द्वारा बन दरोगा अनूप सिंह से दूरभाष के जरिए संपर्क करना चाहा तो उनका फोन 10 बार मिलाने पर रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद पत्रकार द्वारा बन रेंजर रूप सिंह से कई बार फोन मिलाने पर एक बार फोन रिसीव हुआ उनको बताकर जानकारी दी गई। हालांकि समाचार लिखने तक कोई कार्यवाही नहीं करना उचित समझा सोचने वाली बात यह है कि अगर यह नीम का पेड़ जरासी हवा चलने पर कहीं गिर पड़ा तो कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है इसका जिम्मेदार कौन होगा वन विभाग या थरियांव पुलिस!?*
*बड़ा सवाल—-*
जानकारों के मुताबिक या यूँ कहें कि उत्तर प्रदेश वन अधिनियम एक्ट के तहत विषम परिस्थितियों में ही प्रतिबंधित हरे पेड़ों की कटान की जा सकती है लेकिन इतनी भारी मात्रा में पेड़ों को नहीं काटा नहीं जा सकता है।
जैसे- पेड़ स्वामी अपनी निजी बीमारी व बेटी की शादी या आमजनमानस को हानि एवं अन्य विषम परिस्थितियों में ही एक दो पेड़ों को काटने की परमिशन दी जाती थी।?







