बड़ी खबर : फतेहपुर
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल-बेहाल, महिला मरीजो को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार 
फतेहपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का है बुरा हाल ,
जहां एक तरफ बेहतर स्वास्थ्य सेवा लोगों को मुहैया नहीं हो पा रही है। वहीं दूसरी ओर मरीजो को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी चरमराती नजर आती है। सूत्रों की माने तो करीब चार वर्ष से एक स्वयं सहायता समूह द्वारा जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन एवं आहार उपलब्ध कराने की जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वो लगातार मरीजों के हक पर डाका डाल रहा है और सुबह नाश्ते से लेकर दोपहर एवं रात के लिए मीनू के जरिए निर्धारित किए गए भोजन एवं पौष्टिक आहार में भी भारी कटौती करता है, जिसकी वजह से जिला महिला अस्पताल में भर्ती होने वाली गरीब परिवार की महिलाओं को शुद्ध एवं पौष्टिक आहार से संपन्न भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सूत्रों की माने तो इस स्वयं सहायता समूह का संचालन करने वाली अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी की सगी बहन बताई जाती हैं जिसकी वजह से इनके सौ गुनाह माफ करते हुए इनके समूह को जिला अस्पताल में भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दे दी गई, जबकि नियम के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी के पारिवारिक एवं रिश्तेदार को इस तरह का टेंडर नहीं दिया जाता है। दूसरी ओर यह भी बताया जाता है कि जिला अस्पताल में कार्यरत एक अकाउंटेंट व बाबू स्तर का कर्मचारी अपनी देख-रेख में भोजन वितरण व्यवस्था का जिम्मा संभालने का दावा करते हैं जो इस पूरे मामले में बड़ा झोल करा रहे हैं।
बता दें कि गुणवत्ता एवं मीनू के साथ किये जा रहे खिलवाड़ को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आईजीआरएस के माध्यम से शिकायते प्राप्त हुई थी, जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 12 जून 2024 को एक पत्र भेजा गया था जिसमें स्वयं सहायता समूह चंद्रयान के द्वारा मरीज को उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन के गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ एवं मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध न कराने पर उक्त समूह की सेवा समाप्त करते हुए नई टेंडर प्रक्रिया के तहत नये सेवा प्रदाता समूह को कार्य देने का जिक्र किया गया है, इसके बावजूद इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई और चंद्रयान समूह को ही सेवा प्रदाता समूह के तौर पर आज भी भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था दे रखी है, जिसकी वजह से महिला मरीजों को मिलने वाले पौष्टिक आहार में कटौती करते हुए खुलेआम डाका डालने का काम किया जा रहा है।







